Varna Mala (Hindi)

देव भाषा संस्कृत की वर्ण माला का उद्गम सूर्य की रश्मियाँ हैं. इसमें कुल ३६ स्वर और ७२ व्यंजन वर्ण हैं. ,यह ब्रह्माण्ड से निकली हुई मूल ध्वनिया है
संस्कृत को अपौरुष भाषा इसलिए कहा जाता है कि इसकी रचना बृह्मांड की ध्वनियों से हुई है।
गति सर्वत्र है । चाहे वस्तु स्थिर हो। या गतिमान। गति होगी तो ध्वनि निकलेगी। ध्वनि होगी तो शब्द निकलेगा। सौर परिवार के प्रमुख सूर्य के 1 ओर से 9 रश्मियां निकलती हैं। और ये चारों ओर से अलग अलग निकलती हैं। इस तरह कुल 36 रश्मियां हो गई।
इन 36 रश्मियों के ध्वनियों पर संस्कृत के 36 स्वर बने। इस प्रकार सूर्य की जब 9 रश्मियां पृथ्वी पर आती हैं तो उनका पृथ्वी के 8 बसुओं से टक्कर होती है। सूर्य की 9 रश्मियां और पृथ्वी के 8 बसुओं की आपस में टकराने से जो 72 प्रकार की ध्वनियां उत्पन्न हुईं वे संस्कृत के 72 व्यंजन बन गई। इस प्रकार बृह्मांड में निकलने वाली कुल 108 ध्वनियां पर संस्कृत की वर्णमाला आधारित है।
बृह्मांड की ध्वनियों के रहस्य के विषय में वेदों से ही जानकारी मिलती है। इन ध्वनियों को नासा ने भी माना है। अत: यह सर्वसिद्ध है कि वैदिक काल में बृह्मांड में होने वाली ध्वनियों का ज्ञान ऋषियों को था।

नीचे चित्र में देखे। जिनका उच्चारण स्थान दिया गया है। अर्थात कौन सा वर्ण मुख के भीतर कौन से अंश के सहायता से उच्चारित होते है।

👉स्वर वर्ण का दो विभाग है।

1)●मुल स्वर= जो स्वर वर्ण को उच्चारण समय दुसरे स्वर की सहायता नही लेना पड़ता।
■अ , इ , उ , ऋ ,लृ

2)●संयुक्त स्वर= दो स्वर मिलकर जो स्वर गठन होता है।
■ ए= अ+इ
■ओ=अ+उ
■ऐ=अ+ए
■औ=अ+ओ

और भी छह है👉 ●ई , ऊ , ॠ , लॄ (जो उच्चारण में अधिक समय लगते है। दीर्घस्वर वर्ण भी कहते है) एवम👉अं अः

💗16 वर्ण

👉व्यंजन वर्ण में तीन प्रकार वर्ण आते है।

●स्पर्श :-■क वर्ग- क, ख,ग,घ,ङ
■च वर्ग- च,छ,ज, झ,ञ
■ट वर्ग-ट, ठ , ड , ढ ,ण
■त वर्ग- त , थ, द, ध न
■प वर्ग- प , फ , ब, भ , म

●अन्तःस्थ – य , र , ल ,व
●उष्म – श, ष  , स , ह

●”क्ष” एवं ”ज्ञ” संयुक्त वर्ण भी है और मूर्धन्य, अनुनासिक वर्ण मे भी आता है।

💗35

सब मिलाकर कितने वर्ण वने??? उत्तर है 51 वर्ण।
तब कैसे यह सिद्ध होगा के 108 वर्ण है?

हां 108 वर्ण में संयुक्त वर्ण भी आते है।

👉संयुक्त व्यंजन वर्ण

जैसे 👉त्र ,ङ्ग,च्छ। ऐसे वहुतो को जोडने पर मुल रुप से 108 वर्ण मिलते है।

संयुक्त व्यंजन की लम्बी सुची है इसपर फिर कभी😊दुसरे पोस्ट पर।

उच्चारण स्थान के अनुसार विभाग चित्र में देखे दिया गया है इसलिए यहा अधिक चर्चा नही कर रहे।

धन्यवाद🙏🙏🙏

#कृष्णप्रिया

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